1 जून से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का प्रीमियम महंगा
PMJJBY and PMSBY premium: बीमा कंपनियों को बार-बार होने वाले नुकसान के बावजूद, योजनाओं की शुरुआत के बाद से पिछले सात वर्षों में प्रीमियम दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था.
31 मार्च 2022 तक पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत एक्टिव सब्सक्राइबर्स क्रमश: 6.4 करोड़ और 22 करोड़ है.
31 मार्च 2022 तक पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत एक्टिव सब्सक्राइबर्स क्रमश: 6.4 करोड़ और 22 करोड़ है.
PMJJBY and PMSBY premium: आम लोगों से जुड़ी सरकारी स्कीम प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) का प्रीमियम 1 जून 2022 से महंगा होने जा रहा है. सात साल पहले 2015 में दोनों योजनाओं की शुरुआत के बाद से प्रीमियम दरों में पहला संशोधन किया गया है. पीएमजेजेबीवाई (PM Jeevan Jyoti Bima Yojana) के प्रीमियम को 330 रुपये से बढ़ाकर 436 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह, पीएमएसबीवाई के प्रीमियम को 12 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है. दोनों स्कीम्स में हर रोज 1.25 रुपये के हिसाब से प्रीमियम में बढ़ोतरी की गई है.
योजनाओं के एक्टिव सब्सक्राइबर्स
खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के लंबे समय से चले आ रहे क्लेम के अनुभव को देखते हुए, और उन्हें आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए, दोनों योजनाओं की प्रीमियम दरें रिवाइज की गई हैं. 31 मार्च 2022 तक पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत एक्टिव सब्सक्राइबर्स क्रमश: 6.4 करोड़ और 22 करोड़ है.
कितना प्रीमियम कितना भुगतान
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana) की शुरुआत के बाद से 1,134 करोड़ रुपये की राशि प्रीमियम के तौर पर कलेक्ट किया गया. 31 मार्च 2022 तक पीएमएसबीवाई के तहत 2,513 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. इसी तरह, पीएमजेजेबीवाई के तहत 14,144 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. दोनों योजनाओं के तहत दावा डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा करा दिया गया है. COVID के दौरान इन योजनाओं के माध्यम से फायदों को लेकर बारीकी से निगरानी की गई और प्रक्रियाओं को सरल बनाने और दावों में तेजी लाने के लिए कई उपाय किए गए.
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बीमा कंपनियों को नुकसान के बावजूद सात साल तक नहीं बढ़ा प्रीमियम
बीमा कंपनियों को बार-बार होने वाले नुकसान के बावजूद, योजनाओं की शुरुआत के बाद से पिछले सात वर्षों में प्रीमियम दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था. योजनाओं के क्लेम के आधार पर बीमा नियामक आईआरडीएआई ने बताया कि 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई से संबंधित दावों का अनुपात क्रमश: 145.24% और 221.61% है. 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई से संबंधित संयुक्त अनुपात क्रमशः 163.98% और 254.71% है.
06:45 PM IST